काटे तो नसीब में आने ही थे
फूल जो गुलाब 🌹 चुना था हमने
ए इश्क़ तू ही बता मैं तेरा अब क्या हश्र करूँ🤨
दिल❤️ जलाऊँ, आँखों से बहाऊँ,😭 या रूह में क़ैद करूँ
हर कोई रो😭 कर दिखाये ये जरूरी😏 तो नहीं
कई बार मुस्कराहट के पीछे भी दर्द🥺 छुपा होता है
हमे अक्सर उनकी ज़रूरत🤗 होती है
जिनके लिए हम जरुरी नहीं होते😏
बुरा हमें भी लगता है😞
बस तुम्हे एहसास नहीं होने देते😌
हंसकर कबूल🤗 क्या करली सजाएं हमने
हम पर इल्जाम लगाने का😱
दस्तूर बना दिया इस जमाने ने🤨
जो लोग अंदर से मर😵 जाते हैं न
तो फिर वो लोग दूसरों को जीना🤗 सिखाते हैं
एक☝️ थी समझने🤗 वाली मुझे
अब वो भी बहोत ज्यादा समझदार हो गयी है🤨
कुछ सोचना🤔 चाहिए था उसे हर सितम😏 से पहले
मै सिर्फ दीवाना🥰 नहीं था इन्सान भी था
कौन करता है यहाँ प्यार निभाने🤝 के लिये
दिल❤️ तो बस एक खिलौना है जमाने के लिये🤨